56إِنَّكَ لا تَهدي مَن أَحبَبتَ وَلٰكِنَّ اللَّهَ يَهدي مَن يَشاءُ ۚ وَهُوَ أَعلَمُ بِالمُهتَدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) बेशक तुम जिसे चाहो मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचा सकते मगर हाँ जिसे खुदा चाहे मंज़िल मक़सूद तक पहुचाए और वही हिदायत याफ़ता लोगों से ख़ूब वाक़िफ़ है