86أَلَم يَرَوا أَنّا جَعَلنَا اللَّيلَ لِيَسكُنوا فيهِ وَالنَّهارَ مُبصِرًا ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या उन्होंने देखा नहीं कि हमने रात को (अँधेरी) बनाया, ताकि वे उसमें शान्ति और चैन प्राप्त करें। और दिन को प्रकाशमान बनाया (कि उसमें काम करें)? निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो ईमान ले आएँ