65قُل لا يَعلَمُ مَن فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ الغَيبَ إِلَّا اللَّهُ ۚ وَما يَشعُرونَ أَيّانَ يُبعَثونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "आकाशों और धरती में जो भी है, अल्लाह के सिवा किसी को भी परोक्ष का ज्ञान नहीं है। और न उन्हें इसकी चेतना प्राप्त है कि वे कब उठाए जाएँगे।"