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Sura 27
Aya 59
59
قُلِ الحَمدُ لِلَّهِ وَسَلامٌ عَلىٰ عِبادِهِ الَّذينَ اصطَفىٰ ۗ آللَّهُ خَيرٌ أَمّا يُشرِكونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कहो, "प्रशंसा अल्लाह के लिए है और सलाम है उनके उन बन्दों पर जिन्हें उसने चुन लिया। क्या अल्लाह अच्छा है या वे जिन्हें वे साझी ठहरा रहे है?