3الَّذينَ يُقيمونَ الصَّلاةَ وَيُؤتونَ الزَّكاةَ وَهُم بِالآخِرَةِ هُم يوقِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो नमाज़ का आयोजन करते है और ज़कात देते है और वही है जो आख़िरत पर विश्वास रखते है