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Sura 27
Aya 3
3
الَّذينَ يُقيمونَ الصَّلاةَ وَيُؤتونَ الزَّكاةَ وَهُم بِالآخِرَةِ هُم يوقِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो नमाज़ का आयोजन करते है और ज़कात देते है और वही है जो आख़िरत पर विश्वास रखते है