28اذهَب بِكِتابي هٰذا فَأَلقِه إِلَيهِم ثُمَّ تَوَلَّ عَنهُم فَانظُر ماذا يَرجِعونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(अच्छा) हमारा ये ख़त लेकर जा और उसको उन लोगों के सामने डाल दे फिर उन के पास से जाना फिर देखते रहना कि वह लोग अख़िर क्या जवाब देते हैं