17وَحُشِرَ لِسُلَيمانَ جُنودُهُ مِنَ الجِنِّ وَالإِنسِ وَالطَّيرِ فَهُم يوزَعونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर सुलेमान के सामने उनके लशकर जिन्नात और आदमी और परिन्दे सब जमा किए जाते थे