17وَحُشِرَ لِسُلَيمانَ جُنودُهُ مِنَ الجِنِّ وَالإِنسِ وَالطَّيرِ فَهُم يوزَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसुलैमान के लिए जिन्न और मनुष्य और पक्षियों मे से उसकी सेनाएँ एकत्र कर गई फिर उनकी दर्जाबन्दी की जा रही थी