5وَما يَأتيهِم مِن ذِكرٍ مِنَ الرَّحمٰنِ مُحدَثٍ إِلّا كانوا عَنهُ مُعرِضينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके पास रहमान की ओर से जो नवीन अनुस्मृति भी आती है, वे उससे मुँह फेर ही लेते है