4إِن نَشَأ نُنَزِّل عَلَيهِم مِنَ السَّماءِ آيَةً فَظَلَّت أَعناقُهُم لَها خاضِعينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि हम चाहें तो उनपर आकाश से एक निशानी उतार दें। फिर उनकी गर्दनें उसके आगे झुकी रह जाएँ