4إِن نَشَأ نُنَزِّل عَلَيهِم مِنَ السَّماءِ آيَةً فَظَلَّت أَعناقُهُم لَها خاضِعينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाज़िल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ