3لَعَلَّكَ باخِعٌ نَفسَكَ أَلّا يَكونوا مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में) अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते