103إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَما كانَ أَكثَرُهُم مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइबराहीम के इस किस्से में भी यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें से अक्सर ईमान लाने वाले थे भी नहीं