63وَعِبادُ الرَّحمٰنِ الَّذينَ يَمشونَ عَلَى الأَرضِ هَونًا وَإِذا خاطَبَهُمُ الجاهِلونَ قالوا سَلامًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदरहमान के (प्रिय) बन्दें वहीं है जो धरती पर नम्रतापूर्वक चलते है और जब जाहिल उनके मुँह आएँ तो कह देते है, "तुमको सलाम!"