62وَهُوَ الَّذي جَعَلَ اللَّيلَ وَالنَّهارَ خِلفَةً لِمَن أَرادَ أَن يَذَّكَّرَ أَو أَرادَ شُكورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वही है जिसने रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे आनेवाला बनाया, उस व्यक्ति के लिए (निशानी) जो चेतना चाहे या कृतज्ञ होना चाहे