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Sura 25
Aya 19
19
فَقَد كَذَّبوكُم بِما تَقولونَ فَما تَستَطيعونَ صَرفًا وَلا نَصرًا ۚ وَمَن يَظلِم مِنكُم نُذِقهُ عَذابًا كَبيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः इस प्रकार वे तुम्हें उस बात में, जो तुम कहते हो झूठा ठहराए हुए है। अब न तो तुम यातना को फेर सकते हो और न कोई सहायता ही पा सकते हो। जो कोई तुममें से ज़ुल्म करे उसे हम बड़ी यातना का मज़ा चखाएँगे