57لا تَحسَبَنَّ الَّذينَ كَفَروا مُعجِزينَ فِي الأَرضِ ۚ وَمَأواهُمُ النّارُ ۖ وَلَبِئسَ المَصيرُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) तुम ये ख्याल न करो कि कुफ्फार (इधर उधर) ज़मीन मे (फैल कर हमें) आजिज़ कर देगें (ये ख़ुद आजिज़ हो जाएगें) और उनका ठिकाना तो जहन्नुम है और क्या बुरा ठिकाना है