50أَفي قُلوبِهِم مَرَضٌ أَمِ ارتابوا أَم يَخافونَ أَن يَحيفَ اللَّهُ عَلَيهِم وَرَسولُهُ ۚ بَل أُولٰئِكَ هُمُ الظّالِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या उन के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ (बाक़ी) है या शक में पड़े हैं या इस बात से डरते हैं कि (मुबादा) ख़ुदा और उसका रसूल उन पर ज़ुल्म कर बैठेगा- (ये सब कुछ नहीं) बल्कि यही लोग ज़ालिम हैं