3الزّاني لا يَنكِحُ إِلّا زانِيَةً أَو مُشرِكَةً وَالزّانِيَةُ لا يَنكِحُها إِلّا زانٍ أَو مُشرِكٌ ۚ وَحُرِّمَ ذٰلِكَ عَلَى المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीज़िना करने वाला मर्द तो ज़िना करने वाली औरत या मुशरिका से निकाह करेगा और ज़िना करने वाली औरत भी बस ज़िना करने वाले ही मर्द या मुशरिक से निकाह करेगी और सच्चे ईमानदारों पर तो इस क़िस्म के ताल्लुक़ात हराम हैं