27يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لا تَدخُلوا بُيوتًا غَيرَ بُيوتِكُم حَتّىٰ تَستَأنِسوا وَتُسَلِّموا عَلىٰ أَهلِها ۚ ذٰلِكُم خَيرٌ لَكُم لَعَلَّكُم تَذَكَّرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! अपने घरों के सिवा दूसरे घऱों में प्रवेश करो, जब तक कि रज़ामन्दी हासिल न कर लो और उन घरवालों को सलाम न कर लो। यही तुम्हारे लिए उत्तम है, कदाचित तुम ध्यान रखो