26الخَبيثاتُ لِلخَبيثينَ وَالخَبيثونَ لِلخَبيثاتِ ۖ وَالطَّيِّباتُ لِلطَّيِّبينَ وَالطَّيِّبونَ لِلطَّيِّباتِ ۚ أُولٰئِكَ مُبَرَّءونَ مِمّا يَقولونَ ۖ لَهُم مَغفِرَةٌ وَرِزقٌ كَريمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदगन्दी चीज़े गन्दें लोगों के लिए है और गन्दे लोग गन्दी चीज़ों के लिए, और अच्छी चीज़ें अच्छे लोगों के लिए है और अच्छे लोग अच्छी चीज़ों के लिए। वे लोग उन बातों से बरी है, जो वे कह रहे है। उनके लिए क्षमा और सम्मानित आजीविका है