16وَلَولا إِذ سَمِعتُموهُ قُلتُم ما يَكونُ لَنا أَن نَتَكَلَّمَ بِهٰذا سُبحانَكَ هٰذا بُهتانٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर ऐसा क्यों न हुआ कि जब तुमने उसे सुना था तो कह देते, "हमारे लिए उचित नहीं कि हम ऐसी बात ज़बान पर लाएँ। महान और उच्च है तू (अल्लाह)! यह तो एक बड़ी तोहमत है?"