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Sura 24
Aya 15
15
إِذ تَلَقَّونَهُ بِأَلسِنَتِكُم وَتَقولونَ بِأَفواهِكُم ما لَيسَ لَكُم بِهِ عِلمٌ وَتَحسَبونَهُ هَيِّنًا وَهُوَ عِندَ اللَّهِ عَظيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

सोचो, जब तुम एक-दूसरे से उस (झूठ) को अपनी ज़बानों पर लेते जा रहे थे और तुम अपने मुँह से वह कुछ कहे जो रहे थे, जिसके विषय में तुम्हें कोई ज्ञान न था और तुम उसे एक साधारण बात समझ रहे थे; हालाँकि अल्लाह के निकट वह एक भारी बात थी