78وَهُوَ الَّذي أَنشَأَ لَكُمُ السَّمعَ وَالأَبصارَ وَالأَفئِدَةَ ۚ قَليلًا ما تَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वही है जिसने तुम्हारे लिए कान और आँखे और दिल बनाए। तुम कृतज्ञता थोड़े ही दिखाते हो!