72أَم تَسأَلُهُم خَرجًا فَخَراجُ رَبِّكَ خَيرٌ ۖ وَهُوَ خَيرُ الرّازِقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (अपनी रिसालत की) कुछ उजरत माँगतें हों तो तुम्हारे परवरदिगार की उजरत उससे कही बेहतर है और वह तो सबसे बेहतर रोज़ी देने वाला है