71وَلَوِ اتَّبَعَ الحَقُّ أَهواءَهُم لَفَسَدَتِ السَّماواتُ وَالأَرضُ وَمَن فيهِنَّ ۚ بَل أَتَيناهُم بِذِكرِهِم فَهُم عَن ذِكرِهِم مُعرِضونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर कहीं हक़ उनकी नफसियानी ख्वाहिश की पैरवी करता है तो सारे आसमान व ज़मीन और जो लोग उनमें हैं (सबके सब) बरबाद हो जाते बल्कि हम तो उन्हीं के तज़किरे (जिबरील के वास्ते से) उनके पास लेकर आए तो यह लोग अपने ही तज़किरे से मुँह मोड़तें हैं