67مُستَكبِرينَ بِهِ سامِرًا تَهجُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहाल यह था कि इसके कारण स्वयं को बड़ा समझते थे, उसे एक कहानी कहनेवाला ठहराकर छोड़ चलते थे