66قَد كانَت آياتي تُتلىٰ عَلَيكُم فَكُنتُم عَلىٰ أَعقابِكُم تَنكِصونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हें मेरी आयतें सुनाई जाती थीं, तो तुम अपनी एड़ियों के बल फिर जाते थे।