37إِن هِيَ إِلّا حَياتُنَا الدُّنيا نَموتُ وَنَحيا وَما نَحنُ بِمَبعوثينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि हम मरते भी हैं और जीते भी हैं और हम तो फिर (दुबारा) उठाए नहीं जाएँगे हो न हो ये (सालेह) वह शख्स है जिसने खुदा पर झूठ मूठ बोहतान बाँधा है