36۞ هَيهاتَ هَيهاتَ لِما توعَدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबिल्कुल (अक्ल से) दूर और क़यास से बईद है (दो बार ज़िन्दा होना कैसा) बस यही तुम्हारी दुनिया की ज़िन्दगी है