101فَإِذا نُفِخَ فِي الصّورِ فَلا أَنسابَ بَينَهُم يَومَئِذٍ وَلا يَتَساءَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब सूर (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी तो उस दिन उनके बीच रिश्ते-नाते शेष न रहेंगे, और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे