100لَعَلّي أَعمَلُ صالِحًا فيما تَرَكتُ ۚ كَلّا ۚ إِنَّها كَلِمَةٌ هُوَ قائِلُها ۖ وَمِن وَرائِهِم بَرزَخٌ إِلىٰ يَومِ يُبعَثونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(जवाब दिया जाएगा) हरगिज़ नहीं ये एक लग़ो बात है- जिसे वह बक रहा और उनके (मरने के) बाद (आलमे) बरज़ख़ है