66وَهُوَ الَّذي أَحياكُم ثُمَّ يُميتُكُم ثُمَّ يُحييكُم ۗ إِنَّ الإِنسانَ لَكَفورٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वही है जिसने तुम्हें जीवन प्रदान किया। फिर वही तुम्हें मृत्यु देता है और फिर वही तुम्हें जीवित करनेवाला है। निस्संदेह मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है