63أَلَم تَرَ أَنَّ اللَّهَ أَنزَلَ مِنَ السَّماءِ ماءً فَتُصبِحُ الأَرضُ مُخضَرَّةً ۗ إِنَّ اللَّهَ لَطيفٌ خَبيرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअरे क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि खुदा ही आसमान से पानी बरसाता है तो ज़मीन सर सब्ज़ (व शादाब) हो जाती है बेशक खुदा (बन्दों के हाल पर) बड़ा मेहरबान वाक़िफ़कार है