44وَأَصحابُ مَديَنَ ۖ وَكُذِّبَ موسىٰ فَأَملَيتُ لِلكافِرينَ ثُمَّ أَخَذتُهُم ۖ فَكَيفَ كانَ نَكيرِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर मदयनवाले भी झुठला चुके है और मूसा को भी झूठलाया जा चुका है। किन्तु मैंने इनकार करनेवालों को मुहलत दी, फिर उन्हें पकड़ लिया। तो कैसी रही मेरी यंत्रणा!