45قُل إِنَّما أُنذِرُكُم بِالوَحيِ ۚ وَلا يَسمَعُ الصُّمُّ الدُّعاءَ إِذا ما يُنذَرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तो बस तुम लोगों को ''वही'' के मुताबिक़ (अज़ाब से) डराता हूँ (मगर तुम लोग गोया बहरे हो) और बहरों को जब डराया जाता है तो वह पुकारने ही को नहीं सुनते (डरें क्या ख़ाक)