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Sura 21
Aya 43
43
أَم لَهُم آلِهَةٌ تَمنَعُهُم مِن دونِنا ۚ لا يَستَطيعونَ نَصرَ أَنفُسِهِم وَلا هُم مِنّا يُصحَبونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

(क्या वे हमें नहीं जानते) या हमसे हटकर उनके और भी इष्ट-पूज्य है, जो उन्हें बचा ले? वे तो स्वयं अपनी ही सहायता नहीं कर सकते है और न हमारे मुक़ाबले में उनका कोई साथ ही दे सकता है