42قُل مَن يَكلَؤُكُم بِاللَّيلِ وَالنَّهارِ مِنَ الرَّحمٰنِ ۗ بَل هُم عَن ذِكرِ رَبِّهِم مُعرِضونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि खुदा (के अज़ाब) से (बचाने में) रात को या दिन को तुम्हारा कौन पहरा दे सकता है उस पर डरना तो दर किनार बल्कि ये लोग अपने परवरदिगार की याद से मुँह फेरते हैं