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Sura 21
Aya 39
39
لَو يَعلَمُ الَّذينَ كَفَروا حينَ لا يَكُفّونَ عَن وُجوهِهِمُ النّارَ وَلا عَن ظُهورِهِم وَلا هُم يُنصَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो लोग काफ़िर हो बैठे काश उस वक्त क़ी हालत से आगाह होते (कि जहन्नुम की आग में खडे होंगे) और न अपने चेहरों से आग को हटा सकेंगे और न अपनी पीठ से और न उनकी मदद की जाएगी