36وَإِذا رَآكَ الَّذينَ كَفَروا إِن يَتَّخِذونَكَ إِلّا هُزُوًا أَهٰذَا الَّذي يَذكُرُ آلِهَتَكُم وَهُم بِذِكرِ الرَّحمٰنِ هُم كافِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन लोगों ने इनकार किया वे जब तुम्हें देखते है तो तुम्हारा उपहास ही करते है। (कहते है,) "क्या यही वह व्यक्ति है, जो तुम्हारे इष्ट -पूज्यों की बुराई के साथ चर्चा करता है?" और उनका अपना हाल यह है कि वे रहमान के ज़िक्र (स्मरण) से इनकार करते हैं