35كُلُّ نَفسٍ ذائِقَةُ المَوتِ ۗ وَنَبلوكُم بِالشَّرِّ وَالخَيرِ فِتنَةً ۖ وَإِلَينا تُرجَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहर जीव को मौत का मज़ा चखना है और हम अच्छी और बुरी परिस्थितियों में डालकर तुम सबकी परीक्षा करते है। अन्ततः तुम्हें हमारी ही ओर पलटकर आना है