33وَهُوَ الَّذي خَلَقَ اللَّيلَ وَالنَّهارَ وَالشَّمسَ وَالقَمَرَ ۖ كُلٌّ في فَلَكٍ يَسبَحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वही वह (क़ादिरे मुत्तलिक़) है जिसने रात और दिन और आफ़ताब और माहताब को पैदा किया कि सब के सब एक (एक) आसमान में पैर कर चक्मर लगा रहे हैं