19وَلَهُ مَن فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ ۚ وَمَن عِندَهُ لا يَستَكبِرونَ عَن عِبادَتِهِ وَلا يَستَحسِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर आकाशों और धरती में जो कोई है उसी का है। और जो (फ़रिश्ते) उसके पास है वे न तो अपने को बड़ा समझकर उसकी बन्दगी से मुँह मोड़ते है औऱ न वे थकते है