You are here: Home » Chapter 21 » Verse 18 » Translation
Sura 21
Aya 18
18
بَل نَقذِفُ بِالحَقِّ عَلَى الباطِلِ فَيَدمَغُهُ فَإِذا هُوَ زاهِقٌ ۚ وَلَكُمُ الوَيلُ مِمّا تَصِفونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

बल्कि हम तो हक़ को नाहक़ (के सर) पर खींच मारते हैं तो वह बिल्कुल के सर को कुचल देता है फिर वह उसी वक्त नेस्तवेनाबूद हो जाता है और तुम पर अफ़सोस है कि ऐसी-ऐसी नाहक़ बातें बनाये करते हो