87قالوا ما أَخلَفنا مَوعِدَكَ بِمَلكِنا وَلٰكِنّا حُمِّلنا أَوزارًا مِن زينَةِ القَومِ فَقَذَفناها فَكَذٰلِكَ أَلقَى السّامِرِيُّफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह लोग कहने लगे हमने आपके वायदे के ख़िलाफ नहीं किया बल्कि (बात ये हुईकि फिरऔन की) क़ौम के ज़ेवर के बोझे जो (मिस्र से निकलते वक्त) हम पर लोग गए थे उनको हम लोगों ने (सामरी के कहने से आग में) डाल दिया फिर सामरी ने भी डाल दिया