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Sura 20
Aya 86
86
فَرَجَعَ موسىٰ إِلىٰ قَومِهِ غَضبانَ أَسِفًا ۚ قالَ يا قَومِ أَلَم يَعِدكُم رَبُّكُم وَعدًا حَسَنًا ۚ أَفَطالَ عَلَيكُمُ العَهدُ أَم أَرَدتُم أَن يَحِلَّ عَلَيكُم غَضَبٌ مِن رَبِّكُم فَأَخلَفتُم مَوعِدي

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(तो मूसा) गुस्से में भरे पछताए हुए अपनी क़ौम की तरफ पलटे और आकर कहने लगे ऐ मेरी (क़म्बख्त) क़ौम क्या तुमसे तुम्हारे परवरदिगार ने एक अच्छा वायदा (तौरेत देने का) न किया था तुम्हारे वायदे में अरसा लग गया या तुमने ये चाहा कि तुम पर तुम्हारे परवरदिगार का ग़ज़ब टूंट पड़े कि तुमने मेरे वायदे (खुदा की परसतिश) के ख़िलाफ किया