59قالَ مَوعِدُكُم يَومُ الزّينَةِ وَأَن يُحشَرَ النّاسُ ضُحًىफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहा, "उत्सव का दिन तुम्हारे वादे का है और यह कि लोग दिन चढ़े इकट्ठे हो जाएँ।"