58فَلَنَأتِيَنَّكَ بِسِحرٍ مِثلِهِ فَاجعَل بَينَنا وَبَينَكَ مَوعِدًا لا نُخلِفُهُ نَحنُ وَلا أَنتَ مَكانًا سُوًىफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअच्छा, हम भी तेरे पास ऐसा ही जादू लाते है। अब हमारे और अपने बीच एक निश्चित स्थान ठहरा ले, कोई बीच की जगह, न हम इसके विरुद्ध जाएँ और न तू।"