You are here: Home » Chapter 20 » Verse 40 » Translation
Sura 20
Aya 40
40
إِذ تَمشي أُختُكَ فَتَقولُ هَل أَدُلُّكُم عَلىٰ مَن يَكفُلُهُ ۖ فَرَجَعناكَ إِلىٰ أُمِّكَ كَي تَقَرَّ عَينُها وَلا تَحزَنَ ۚ وَقَتَلتَ نَفسًا فَنَجَّيناكَ مِنَ الغَمِّ وَفَتَنّاكَ فُتونًا ۚ فَلَبِثتَ سِنينَ في أَهلِ مَديَنَ ثُمَّ جِئتَ عَلىٰ قَدَرٍ يا موسىٰ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

याद कर जबकि तेरी बहन जाती और कहती थी, क्या मैं तुम्हें उसका पता बता दूँ जो इसका पालन-पोषण अपने ज़िम्मे ले ले? इस प्रकार हमने फिर तुझे तेरी माँ के पास पहुँचा दिया, ताकि उसकी आँख ठंड़ी हो और वह शोकाकुल न हो। और हमने तुझे भली-भाँति परखा। फिर तू कई वर्ष मदयन के लोगों में ठहरा रहा। फिर ऐ मूसा! तू ख़ास समय पर आ गया है