39أَنِ اقذِفيهِ فِي التّابوتِ فَاقذِفيهِ فِي اليَمِّ فَليُلقِهِ اليَمُّ بِالسّاحِلِ يَأخُذهُ عَدُوٌّ لي وَعَدُوٌّ لَهُ ۚ وَأَلقَيتُ عَلَيكَ مَحَبَّةً مِنّي وَلِتُصنَعَ عَلىٰ عَينيफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकि उसको सन्दूक में रख दे; फिर उसे दरिया में डाल दे; फिर दरिया उसे तट पर डाल दे कि उसे मेरा शत्रु और उसका शत्रु उठा ले। मैंने अपनी ओर से तुझपर अपना प्रेम डाला। (ताकि तू सुरक्षित रहे) और ताकि मेरी आँख के सामने तेरा पालन-पोषण हो